क्या आप भी Mukteswar Temple के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं? क्या आपको भी पुराने पुराने मंदिरों के बारे में जानने की चेष्टा है और आप इस पुराने मंदिर को भी जानना चाहते हैं तो बिल्कुल सही जगह पर है। आज के इस आर्टिकल की माध्यम से हम आपको मुक्तेश्वर मंदिर की बारे में पूरी जानकारी देंगे। जैसे कि मुक्तेश्वर मंदिर कहां है, इस मंदिर की स्थापना कब की गई थी, मुक्तेश्वर मंदिर का बनावट, यह मंदिर इतना प्रसिद्ध क्यों है? शिव के अलावा भी कई देवता है विराजमान?
तो अगर आप मुक्तेश्वर मंदिर के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको हमारे साथ बने रहना होगा। तभी आपको मुक्तेश्वर मंदिर के बारे में सारी जानकारी अच्छे से समझ में आएगी।
Architecture | Kalinga Architecture |
Was Built By | Yajati I |
Timings | 6:30 am – 7:30 pm (All Day) |
Odisha Address/Location | Nearest Railway Station Bhubaneswar, Odisha |
Closing Time | After 7:30pm |
Contact Number | No contact |
Entry fees | Free |
Famous For | Devotional, Mythological and historical place of Odisha |
Contents
Where is Mukteshwar Temple | मुक्तेश्वर मंदिर कहां है
अगर हम बात करें मुक्तेश्वर मंदिर के बारे में तो मुक्तेश्वर मंदिर भारत देश के ओडिशा राज्य की राजधानी भुवनेश्वर के खुर्द जिले में स्थित है। मुक्तेश्वर मंदिर एक तरह से 2 मंदिरों का समूह है। इसमें पहला मंदिर परमेश्वर मंदिर है और दूसरा मंदिर मुक्तेश्वर मंदिर है। यह दूसरा मंदिर जिसका नाम मुक्तेश्वर मंदिर है यह भगवान शिव को समर्पित है। अगर कोई व्यक्ति मुक्तेश्वर मंदिर में भगवान शिव की पूजा करना चाहता है तो उसको मंदिर में पहुंचने के लिए लगभग 100 सीढ़ियां चढ़नी पड़ेगी।
When was Mukteshwar temple established | मुक्तेश्वर मंदिर की स्थापना
परमेश्वर मंत्री और मुक्तेश्वर मंदिर की स्थापना आज से सालों पहले सन् 970 ईसवी में हुई थी। इन दोनों मंदिरों में से परमेश्वर मंदिर अभी बिल्कुल ही सुरक्षित अवस्था में है। सुरक्षित अवस्था से हमारा तात्पर्य है कि यह मंदिर अभी घूमने लायक है इस मंदिर में अभी भी लोग घूमने जाते हैं। परमेश्वर मंदिर में कई तरह की चित्रकला भी की गई है जो कि इस मंदिर को और भी ज्यादा आकर्षक बनाती है। इस मंदिर में अगर सबसे अच्छी कोई चित्र है तो वह चित्र एक नर्तकी की और एक संगीतज्ञ की है। यह चित्र पूरी दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इस चित्र की वजह से यह मंदिर और भी ज्यादा आकर्षक लगता है।
इस मंदिर में एक गर्भगृह भी है। जिस गर्भगृह में एक शिवलिंग है। यह शिवलिंग काफी चमकीला है। यह शिवलिंग इस मंदिर से कई सालों बाद बने लिंगराज मंदिर के शिवलिंग की अपेक्षा भी बहुत ही ज्यादा चमकीला है।
Structure of Mukteshwar Temple | मुक्तेश्वर मंदिर का बनावट
मुक्तेश्वर मंदिर की बनावट में नागर शैली और कलिंग वास्तुकला का बहुत ही बढ़िया मिलावट देखने को मिलता है। मुक्तेश्वर मंदिर में काफी चित्रकलाए की गई है। जैसे कि साधु, दौड़ते हुए बंदर, कृशकाय। एक अन्य चित्रकला में पंचतंत्र की कहानी को भी दर्शाया गया है। इन सब चित्रों की वजह से यह मंदिर और भी ज्यादा आकर्षक दिखता है और इन सारे चित्रों को देखने के बाद ऐसा लगता है कि सचमुच सामने यह सारी चीजें हैं।
मुक्तेश्वर मंदिर के दरवाजे को आर्क शैली से बनाया गया है। इस मंदिर की खंभे पर भी नक्काशी की गई है जिससे इस मंदिर का खंभा भी देखने में सुंदर लगता है। मुक्तेश्वर मंदिर का तोरण मगरमच्छ की सिर की आकार के जैसा है। इस मंदिर के बगल में एक प्राचीन कुआं की है इसको को वहां के लोग मरीचि कुंड के नाम से जानते हैं।
Why is Mukteshwar Temple famous | मुक्तेश्वर मंदिर प्रसिद्ध क्यों है
यह मंदिर इतना प्राचीन होने के बाद भी अपनी आकर्षकता की वजह से पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। खासकर यह मंदिर अपने वास्तुकला और नक्काशी के लिए भी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इस मंदिर में पूजा करने के लिए आपको 100 सीढ़ियां चढ़कर जाना पड़ता है क्योंकि यह मंदिर एक छोटे से पहाड़ी पर विराजमान है। लेकिन फिर भी इस मंदिर की खूबसूरती अपने आप में ही एक बहुत बड़ी राज है। यहां की सभी वास्तुकला और चित्रकारी इस मंदिर को चारों तरफ से घेरे हुए हैं।
इन्हीं सब कारणों की वजह से यह मंदिर पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है और पूरी दुनिया से पर्यटक इस मंदिर में घूमने के लिए आते हैं। ज्यादातर लोग तो इस मंदिर के गर्भगृह में छुपे उस शिवलिंग को देखने आते हैं जो शिवलिंग वर्षों पुराना होने के बाद भी इतना चमकीला है कि उसके आगे लिंगराज मंदिर जो कि मुक्तेश्वर मंदिर के कई सालों बाद बना है उसका शिवलिंग भी मुक्तेश्वर मंदिर के गर्भगृह में छुपे शिवलिंग जितना चमकीला नहीं है।
Are there many gods besides Shiva | शिव के अलावा भी कई देवता है विराजमान?
मुक्तेश्वर मंदिर में शिव जी की प्रतिमा के अलावा भी कई देवता की प्रतिमा है। यानि कहने का मतलब यह है कि मुक्तेश्वर मंदिर में शिवजी के अलावा भी कई देवी-देवता है जिनकी पूजा की जाती है। इस मंदिर में शिव जी के अलावा ब्रह्मा, विष्णु, हनुमान जी, नंदी जी और पार्वती जी की भी प्रतिमा है।
इस मंदिर में देवी देवताओं की अलावा भी कई प्रतिमाएं बनी हुई है जिनमें कुछ प्रतिमाएं बंदरों की है तो कुछ साधु की हैं और कुछ प्रतिमाएं वहां के रीति-रिवाजों के ऊपर बनाई गई है। मुक्तेश्वर मंदिर इन सारे प्रतिमाओं की वजह से भी प्रसिद्ध है। मुक्तेश्वर मंदिर की दीवारों के चारों तरफ प्रतिमाएं बनी हुई है। हम कह सकते हैं कि पूरा मंदिर प्रतिमाओं से घिरा हुआ हैं।
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Conclusions | निष्कर्ष
दोस्तों आप हमारे इस आर्टिकल को पढ़कर यहां तक आए इसका मतलब है कि हमारे द्वारा दी गई सारी जानकारी आपको अच्छे से समझ में आ गई है और आप मुक्तेश्वर मंदिर के बारे में सारी जानकारी प्राप्त कर चुके हैं। जैसे कि मुक्तेश्वर मंदिर कहां है, इस मंदिर की स्थापना कब की गई थी, मुक्तेश्वर मंदिर का बनावट, यह मंदिर इतना प्रसिद्ध क्यों है? शिव के अलावा भी कई देवता है विराजमान?
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